केन्द्रीय कार्यकारी मण्डल बैठक दिनांक 05 अक्टूबर, 2023
भाग्यनगर – हैदराबाद में पारित प्रस्ताव
प्रस्ताव क्रमांक 8. G20 के सफल आयोजन पर भारत सरकार का हार्दिक अभिनन्दन ।
गत 9-10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में G20 राष्ट्र प्रमुखों का शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ। शिखर सम्मेलन में पारित G20 घोषणा ऐतिहासिक है यह इसलिए कि नई वैश्विक भू-राजनीति के अनेक मुद्दों पर मतभेदों के होते हुए भी वैश्विक नेताओं में G20 मंच पर भारत के सफल नेतृत्व के कारण एक साझा सहमति बनी। इससे भारत की कूटनीति और उसके नेतृत्व को वैश्विक स्वीकृति एवं मान्यता मिली।
नए भारत को G20 के मंच से विश्व में एक नई पहचान मिली । इसका सर्वाधिक उल्लेखनीय एवं सकारात्मक पहलू यह भी हैं कि भारत सरकार ने इसे एक सरकारी आयोजन की तरह केवल देश की राजधानी नई दिल्ली तक ही सीमित न रखते हुए इसे व्यापक जन भागीदारी वाला रंगारंग राष्ट्रीय पर्व बना दिया |
इस आयोजन में भारत के 28 राज्यों के 60 शहरों में 112 आउटकम डाक्यूमेंट्स के साथ 200 से भी अधिक बैठकें आयोजित की गयी। नई दिल्ली शिखर सम्मलेन में दुनिया भर से 25,000 प्रतिनिधियों और 1.25 लाख वैश्विक लोगों की भागीदारी हुई।
भारत का प्राचीन सूत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ आज के सन्दर्भ में जिसका महत्व और भी बढ़ गया है: एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य यह सम्पूर्ण विचार-विमर्श का केंद्र बिंदु रहा ।
इस आयोजन में भारत के 1.5 करोड़ से भी अधिक नागरिकों की भागीदारी G20 के इतिहास में अभूतपूर्व रही। भारत में आयोजित G20 ने नागरिक समाज के हजारों कार्यकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों, व्यावसायिक समूहों, स्व-सहायता समूहों, युवाओं, महिलाओं, कारीगरों, पर्यावरणविदों और समाज के लगभग हर क्षेत्र के लोगों को मंच प्रदान किया ।
इस G20 शिखर सम्मलेन की एक और उल्लेखनीय बात यह हैं कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मिलेट मोटा अनाज वर्ष 2023 के प्रस्ताव को प्रायोजित किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। इस अत्याधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यप्रद फसल ने अपने सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव के कारण भी काफी लोकप्रियता हासिल की हैं। हमें भारतीय ज्ञान प्रणालियों को G20 के माध्यम से वैश्विक समुदाय के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर मिला ।
इस आयोजन ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसकी सॉफ्ट पॉवर ( सम्मान, संवाद, समृद्धि, सुरक्षा, संस्कृति एवं सभ्यता) से सम्पूर्ण विश्व परिचित हुआ। इस आयोजन में वैश्विक समस्याओं के समाधान के प्रयास में जन केंद्रित समाधानों को सबसे आगे रखने पर जोर दिया गया था। जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करनेवाले देश के सबसे बड़े संगठन के वनवासी कल्याण आश्रम ने भी G20 से सम्बंधित विभिन्न वैश्विक आयोजनों में सम्मिलित हो कर जनजाति समाज की अस्मिता, अस्तित्व एवं विकास के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे।
इस ऐतिहासिक एवं सफल आयोजन के लिए अभावक आश्रम का केन्द्रीय कार्यकारी मण्डल भारत सरकार, हमारे लोकप्रिय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और इसके आयोजन में शामिल सभी लोगों को अपनी बधाई एवं साधुवाद देते है। हमें विश्वास है कि G20 के इस आयोजन से प्राप्त राष्ट्रीय उपलब्धियां भारत को अमृत काल के पंच प्रणों विकसित भारत, गुलामी मानसिकता से मुक्ति, एकता एवं अखंडता, अपने गौरवमय अतीत पर गर्व और नागरिक कर्तव्य में परिकल्पित विकसित भारत के वांछित लक्ष्य तक ले जाएंगी |