नई दिल्ली, 9 मई 2020: देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र द्वारा पत्रकारों के साथ ऑनलाइन सेमीनार का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य मुख्य वक्ता व वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित थे। ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार माने वाले नारद जी की जयंती को प्रतिवर्ष पत्रकार दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
इस अवसर पर अपने ऑनलाइन संबोधन में पत्रकारों से आह्वान करते हुए डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि पत्रकारिता और पत्रकार भी समाज का अंग हैं, समाज का ताना-बाना सुदृढ़ व अधिक व्यापक बने, इसका ध्यान पत्रकारिता में रखना चाहिए। केवल न्यूज ही नहीं देना अपितु समाज को जागरूक करने के लिए जानकारी के साथ प्रबोधन भी आवश्यक है। पत्रकार समाज को एक न्यूज़ संसाधन दे रूप में न देखें अपितु मानवीयता के नाते समाज के साथ आपस में लगाव रखें। समाज को रिसोर्श के नाते देखकर व्यावसायिक व्यवहार का भाव पाश्चात्य है भारतीय नहीं।
उन्होंने कहा कि हमें पत्रकारिता के माध्यम से समाज को गढ़ कर सही दिशा दिखानी है। समाचार में प्रमाणिकता और विश्वसनीयता बरकरार रखकर विश्व में देश की छवि को ऊंचा करने का दायित्व भी पत्रकारों का होना चाहिए। देश के गौरव, परंपरा, स्वाभिमान, एकता-अखंडण्ता के साथ कोई समझौता ना करते हुए पत्रकारिता करनी चाहिए चाहिए। नारद जयंती का यही संदेश है कि समाज को गढ़ने का कार्य हम सभी को करना है, तभी संकट काल में समाज पूर्ण सक्रिय होकर कार्य कर सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय कहा कि पत्रकारों को आत्मावलोकन की जरूरत है कि आज फेक न्यूज़ का दौर कैसे आ गया। मीडिया को सत्यता की परख करना आना बहुत जरूरी है। पत्रकारों को अन्याय के विरुद्ध न्याय के साथ खड़े होने का साहस जुटाने का दौर वापस लाने की आवश्यकता है। हमारे सभी ग्रन्थों में नारद जी की प्रतिमा विद्वान, ज्ञानी, समाज को जोड़ने वाले, समाज हित के लिए आग्रही इस प्रकार की रही। अपने वाणी का उपयोग उन्होने हमेशा लोकहित में किया। एक आदर्श पत्रकार के सभी गुण नारद जी में थे इसलिए देवर्षि नारद जी को आद्य पत्रकार कहा जाता है और यह मान्यता काफी पहले से और प्राचीन है। 30 मई 1826 को प्रथम साप्ताहिक समाचारपत्र ‘उदन्त मार्तंड’ को प्रारंभ करते समय देवर्षि नारद का आह्वान किया गया था। आज नारद जयंती के अवसर पर, देवर्षि नारद का वह दिव्य स्वरूप स्मरण कर के, पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके स्थापित आदर्शों पर चलने का प्रण करना, यही उनके प्रति आदरांजली होगी।