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शोक संदेश

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भारत की महान नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के असामयिक निधन पर पूरा देश स्तब्ध है, शोकाकुल है। दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार और प्रशसंकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वो दिवंगत की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे।
उनका राष्ट्र सेविका समिति से गहरा नाता था। वो समिति के हर महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित रहती थीं और हमारा उत्साहवर्धन करती थीं। सुषमा जी ने महिलाओं के उत्थान और मनोबल बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हम असम के हाफलौंग की वो घटना नहीं भूल सकते जब दो जनजातियों की लड़ाई में पिस रही महिलाओं के बचाव और राहत के लिए वो हमारी पहली ही गुहार पर हाजिर हो गईं। अचानक आए इस आघात से राष्ट्र सेविका समिति परिवार व्यथित है।
उनका अवसान हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।

सुषमा जी के निधन से मां भारती ने अपनी सुयोग्य, हीरे जैसी बेटी को खो दिया। महान जननेता, प्रभावशाली सांसद, कुशल एवं सफल प्रशासक, मंत्री, अद्वितीय वक्ता, बहुभाषी सुषमा जी ने
भारतीय सभ्यता और संस्कृति की अलख जगाए रखी। बड़े से बड़े राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक आदर्श भारतीय नारी के सौभाग्य लक्षण को धारण कर सुशोभित होती थी।
वो अत्यंत शालीन, निर्मल और वात्सल्य से परिपूर्ण थीं, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर हिमालय समान दृढ़ भी थीं। वो कोटि-कोटि भारतीय महिलाओं की आदर्श और प्रेरणास्रोत थीं।

अपने विदेश मंत्री के पाँच वर्ष के कार्यकाल में, उन्होंने नया इतिहास रचा और अपने मंत्रालय को वास्तविक अर्थ में जनोन्मुखी बनाया। उन्होंने अन्य देशों के साथ तो भारत के संबंध बेहतर किए ही, विदेशों में आपदा में फंसे भारतीयों की राहत और बचाव के लिए लिए भी पूरे समर्पण और तत्परता से काम किया। 24 सितंबर, 2017 को संयुक्त राष्ट्र संघ में उनके भाषण भला कौन भूल सकता है जिसमें भारतीय पक्ष को प्रभावशाली तरीके से विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया।

मृत्यु के कुछ ही समय पूर्व उन्होंने मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने की प्रशंसा की थी। विधि की विडंबना है कि वो ठीक उसी दिन हमें छोड़ कर चलीं गईं जिस दिन इस ऐतिहासिक प्रस्ताव पर संसद ने मोहर लगाई । उनका अचानक जाना असहनीय है। विभिन्न क्षेत्रों में उनका योगदान, विचारधारा के प्रति उनका समर्पण, उनका वात्सल्यपूर्ण व्यवहार भारतवासियों को सदा याद रहेगा। वो सदा भारतीय महिलाओं की आदर्श और प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी।
ऊँ शांती शांती शांती ।

शांताकुमारी
प्रमुख संचालिका
राष्ट्र सेविका समिति