पाकिस्तान से वहां नर्स के काम के लिए गईं लड़कियों में से 92 के कागजात फर्जी पाए गए। सऊदी प्रशासन ने कड़ी निगरानी के बाद यह देखा कि उनके देश में काम कर रहीं पाकिस्तान की कई नर्सों के कागजात गड़बड़ थे। उनको सत्यापित करने वाली रिपोर्ट नकली थीं। मामला तब तूल पकड़ने लगा जब उस देश के अधिकारियों ने पाया कि उनकी वहां भर्ती कराने वाली कंपनी द्वारा बहुत सी नर्सों को एक समान कागज ही सत्यापन के तौर पर दिए गए थे यानी सबकी रिपोर्ट पर एक सी भाषा और योग्याताएं लिखी थीं। इसका पता ऑनलाइन निगरानी करने पर चला।
सऊदी अरब प्रशासन की मुस्तैदी ने पाकिस्तान से वहां काम के लिए गईं नर्सों में से 92 के कागजातों में ऐसा फर्जीवाड़ा पकड़ा कि गुस्से में उलटे पैर उन्हें वापस जिन्ना के देश को लौटा दिया। पता चला है कि पाकिस्तान से नर्स के काम के लिए भेजी जाने वाली लड़कियों के साथ ऐसा फर्जीवाड़ा बहुत समय से चला आ रहा था।
मुसलमानों का आका बोले जाने वाले देश सऊदी अरब में कायदों के लेकर कितनी सख्ती है इसका कुछ अंदाजा नर्स के काम के लिए वहां लड़कियों को भेजने वाले जिन्ना के देश को समझ आ गया होगा। पाकिस्तानी नर्सों को ऐसी बेइज्जती के साथ वापस लौटना पड़ा कि कई पाकिस्तानी तो इस बात पर अपनी सरकार को ही लानते भेज रहे हैं।
सऊदी अरब की कड़ी स्क्रीनिंग में पाकिस्तान से वहां नर्स के काम के लिए गईं लड़कियों में से 92 के कागजात फर्जी पाए गए। सऊदी प्रशासन ने कड़ी निगरानी के बाद यह देखा कि उनके देश में काम कर रहीं पाकिस्तान की कई नर्सों के कागजात गड़बड़ थे। उनको सत्यापित करने वाली रिपोर्ट नकली थीं। मामला तब तूल पकड़ने लगा जब उस देश के अधिकारियों ने पाया कि उनकी वहां भर्ती कराने वाली कंपनी द्वारा बहुत सी नर्सों को एक समान कागज ही सत्यापन के तौर पर दिए गए थे यानी सबकी रिपोर्ट पर एक सी भाषा और योग्याताएं लिखी थीं। इसका पता ऑनलाइन निगरानी करने पर चला।
इस फर्जीवाड़े के उजागर होते ही प्रशासन फौरन हरकत में आया और ऐसी करीब 92 नर्सों को जिन्ना के देश वापस भेज दिया जिनके कागज पहली ही नजर में खुद को नकली बता रहे थे। इतना ही नहीं, यह फर्जीवाड़ा करने की दोषी कंपनी का नाम काली सूची में डाल दिया गया है।
इस बात की भनक लगने पर कई पाकिस्तानी लोग अपनी सरकार को कोसने लगे। उनमें से एक ने कहा कि पाकिस्तान के नेता सऊदी अरब को अपना भाई बताते हैं, लेकिन पाकिस्तानी उस ‘भाई’ के साथ ही फर्जीवाड़ा करते आ रहे हैं। कुछ पैसों के लालच में पाकिस्तान ने न सिर्फ अपनी छवि को पलीता लगाया है बल्कि उन 92 नर्स के कैरियर को भी आघात पहुंचाया है। अपने ‘भाई’ के साथ धोखाधड़ी करते हुए पाकिस्तान वालों को शर्म भी नहीं आती।
इसी आवेश में एक वरिष्ठ पत्रकार कमर चीमा ने भारत की प्रशंसा कर डाली। कमर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लोग सऊदी अरब में साथ साथ काम करते हैं, लेकिन चिकित्सा के क्षेत्र भारत वाले अच्छी तादाद में हैं। गनीमत है कि पकड़ी गई पाकिस्तानी नर्सों को सलाखों के पीछे नहीं डला गया।
कमर ने पाकिस्तान को कोसते हुए आगे कहा कि भारत वालों के पास हमसे ज्यादा अच्छे अवसर होते हैं, क्योंकि वे पाकिस्तानियों से ज्यादा पढ़े—लिखे होते हैं। वे अधिक सच्चे और भरोसे वाले हैं। भारत वाले अपनी नौकरी को पूरी ईमानदारी से करते हैं। इसलिए पाकिस्तानियों के मुकाबले उनकी ज्यादा इज्जत की जाती है।